नित्य रात्रि को या जब भी बुलाओगे तब आवे
नृत्य गान एवं वर्ताओ से साधक का मनोरंजन करें
काम कला से सुख प्रदान करें
साधक को पूर्णिया यौवन प्रदान करें और वह रमण में सिद्ध हो कभी भी रोग या वृद्धा ना आवे
सुख सौभाग्य प्रदान करें
जब भी जितना भी धन मांगे वह ला कर दे
वस्त्र आभूषण स्वर्ण मुद्रा प्रदान करें
नित्य अपूर्व सौंदर्य एवं यौवन से पूर्णता प्रदान करें
मधुर हास्य के साथ आनंद प्रदान करें
सभी प्रकार की संसारिक चिंताओं को दूर करें
नृत्य गान एवं वर्ताओ से साधक का मनोरंजन करें
काम कला से सुख प्रदान करें
साधक को पूर्णिया यौवन प्रदान करें और वह रमण में सिद्ध हो कभी भी रोग या वृद्धा ना आवे
सुख सौभाग्य प्रदान करें
जब भी जितना भी धन मांगे वह ला कर दे
वस्त्र आभूषण स्वर्ण मुद्रा प्रदान करें
नित्य अपूर्व सौंदर्य एवं यौवन से पूर्णता प्रदान करें
मधुर हास्य के साथ आनंद प्रदान करें
सभी प्रकार की संसारिक चिंताओं को दूर करें
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