अष्ट नागिनी साधना विधि


इस साधना को संपन्न करने के लिए साधक सर्व प्रथम पूज्य गुरुदेव से अनुमति प्राप्त करें और तत्पश्चात रविवार को "अष्ट नागिनी मुद्रिका" स्थापित करें और "नागेश माला" से निम्नलिखित नागिनी मंत्र का नित्य एक माला जाप करें -
         "ॐ हुंं हुं शंखिनी वायुमुखी हुं हुं"
तीन दिवस के पश्चात यंत्र तथा माला को नदि या कुएं में विसर्जित कर दें साधना की समाप्ति पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नागकन्या सहायता करती है।
साधना काल में पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करें।
 सात्विक आहार लें।
व्यर्थ के वाद विवाद से बचें
साधना काल में अति संयमित होने से बचे
  

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